फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में रविवार को मलवां स्टेशन के पास हुई हाव़डा-नई दिल्ली कालका एक्सप्रेस दुर्घटना में मरनेवालों की संख्या 67 पहुंच गई है जबकि 220 लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों का कहना है मृतक संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि दो डिब्बे अभी आपस में बुरी तरह गुंथे हुए हैं और बचाव कार्य जारी है। इसके अलावा कई घायलों की हालत नाजुक है। रविवार दोपहर हुए इस ट्रेन हादसे के बाद 13 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। राहत कार्य चालू है और ट्रेन के दो डिब्बे बुरी तरह आपस में गुंथे हुए हैं, जिसमें से शवों को निकालने के काम में काफी मुश्किले आ रही हैं। सोमवार सुबह डॉक्टरों की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है, जो शवों को निकालने में मदद करेगी। जनरल बोगी का दुर्घटनाग्रस्त डिब्बा बुरी तरह पिचका हुआ है और यह अंदाजा भी नहीं लग पा रहा है कि अंदर कितने शव हो सकते हैं। घायलों को फेतहपुर, कानपूुर, इलाहाबाद और लखनऊ के अस्पतालों में ले जाया गया है। सोमवार सुबह से ही ब़डी तादाद में कालका ट्रेन के यात्रियों के रिश्तेदार घटनास्थल पर पहुुंचने लगे हैं। इलाहाबाद जोन के रेलवे प्रवक्ता संदीप माथुर ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के सुरक्षित और मामूली रूप से घायल 165 यात्रियों को लेकर एक ट्रेन दिल्ली पहुंच गई है। वहीं यात्रियों के रिश्तेदारों को लेकर एक विशेष ट्रेन हाव़डा से इलाहाबाद पहुंच गई है। एक अन्य ट्रेन रिश्तेदारों को लेकर दिल्ली से कानपुर पहुंची जहां से लोग बसों और अन्य वाहनों पर मलवां और फतेहपुर पहुंचे। इस बीच, दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए रेलवे के सुरक्षा आयुक्त दुर्घटनास्थल पर पहुंचने वालें है। वह दिल्ली से सोमवार त़डके दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक क्लियर होने में अभी 48 घंटे का समय और लग सकता है। मलवां रेलवे स्टेशन कानपुर और इलाहाबाद के बीच है।
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