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फिल्मों से ज्यादा थियेटर को वक्त देता हूं : राकेश बेदी

published: 27-02-2012

कभी बॉलीवुड की हर दूसरी फिल्म में बतौर हास्य कलाकार नजर आने वाले राकेश बेदी इन दिनों फिल्मों में कम दिखाई दे रहे हैं। हालांकि उनके पास फिल्में हैं लेकिन अब वो मारामारी नहीं है जो कभी हुआ करती थी। हां टीवी कार्यक्रमों में वे जरूर नजर आ रहे हैं। इन दिनों वे सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक "शुभ विवाह" में व्यस्त हैं। इस धारावाहिक में वे केन्द्रीय भूमिका में हैं जहां उनकी पांच बेटियाँ हैं और वे उनके लिए वर तलाश कर रहे हैं। इस धारावाहिक में उनका गेटअप और पुराना स्कूटर दर्शाता है कि वे मध्यमवर्गीय परिवार के कर्ताधर्ता हैं। ढाई दशक से भी ज्यादा समय से छोटे-बडे पर्दे पर अपनी अदाकारी से प्रभावित कर रहे राकेश बेदी थिएटर के भी जाने-माने कलाकार हैं। सोनी टीवी का शो "शुभ विवाह" एक सफल और पुरस्कृत तमिल शो "मेट्टी ओली" का हिन्दी रीमेक है। इस धारावाहिक को लेकर राकेश बेदी खासे उत्साहित हैं। उनका कहना है कि अपने 35 साल के करियर में मैं पहली बार कोई सोप कर रहा हूं। यह चीज मेरे लिए नई है और साथ ही इसमें मेरा रोल भी काफी प्रभावशाली है। इस सीरियल की कहानी काफी दमदार है और इसमें बहुत सारा ड्रामा भी है। मैंने ज्यादातर कॉमेडी सीरियल्स ही किए हैं तो इस नजर से भी यह सीरियल मेरे लिए एक नया कदम है। राकेश बेदी टीवी के अलावा थियेटर में बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं। यही कारण है कि वे फिल्मों को लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। उनका कहना है कि "मैं फिल्में भी करता रहता हूं पर बहुत ज्यादा नहीं क्योंकि थिएटर में मेरा काफी इन्वॉल्वमेंट है और उस पर मुझे काफी समय देना पडता है। वैसे अभी भी कुछ प्रोजेक्ट हैं मेरे पास, पर फिल्मों में क्या है कि वहां आपके हिसाब से नहीं बल्कि बडे स्टार्स के हिसाब से काम होता है।" इसलिए मैं काफी सोच-समझ कर और कम ही काम पकडता हूं क्योंकि मुझे थिएटर को ज्यादा वक्त देना पडता है। वैसे अभी मैं सागर आर्ट्स की एक फिल्म "हाय रब्बा मैं क्या करूं" कर रहा हूं जिसे "1971" के डायरेक्टर अमृत सागर बना रहे हैं और आकाश सागर इसके हीरो हैं। इसमें अरशद वारसी भी हैं। राकेश बेदी ने कभी फिल्म निर्देशक बनाने का विचार किया था लेकिन बदलते फिल्मी माहौल और बढते बजट ने उनकी इस मह�वाकांक्षा को कहीं दबा दिया है। आजकल वही व्यक्ति निर्देशक बन पाता है जो स्वयं एक सफल लेखक है। हालांकि राकेश बेदी स्वयं भी लेखक हैं लेकिन उन्होंने कभी किसी फिल्म को नहीं लिखा है। हां नाटक और धारावाहिकों को जरूर उन्होंने लिखा है। निर्देशक न बन पाने पर वे कहते हैं कि "काफी कुछ होता है जो नहीं हो पाता है। बहुत सारी चीजें हैं जिन्हें मैं करना चाहता हूं। कोशिशें जारी हैं और जब सही वक्त आएगा, वे हो भी जाएंगी।"

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