नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी का टीवी चैनलों को उनकी कथित सीडी सौंपने वाले ड्राइवर से समझौता हो गया है। कोर्ट में उनके ड्राइवर ने हलफनामा दिया है। इसमें उसने सभी विवादों को निपटाने और गलती स्वीकारने की बात कही है। कोर्ट की रोक और सीडी देने वाले नौकर के हलफनामे के बाद चैनल भी इस विवादित सीडी को लौटाने पर राजी हो गया है। अभिषेक मनु सिंघवी और उनके पुराने ड्राइवर ने गुरूवार को दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि उन्होंने सौहार्दपूर्ण तरीके से सीडी विवाद का निपटारा कर लिया है। सिंघवी के इस पुराने ड्राइवर पर कांग्रेस नेता की कथित सीडी को एक मीडिया ग्रुप को देने का आरोप है। जस्टिस रेवा खेत्रपाल ने सिंघवी और उनके पुराने साथी अभिमन्यु भंडारी द्वारा ड्राइवर और मीडिया समूह के खिलाफ दायर दीवानी मुकदमे में तब आदेश दिया, जब कोर्ट को उनके बीच समझौता हो जाने के बारे में सूचित किया गया। जस्टिस खेत्रपाल ने 13 अप्रैल को एकतरफा आदेश देकर सीडी के प्रकाशन, प्रसारण पर रोक लगाई थी। जस्टिस खेत्रपाल ने सिंघवी के ड्राइवर मुकेश लाल का बयान दर्ज किया। आजतक, हेडलाइंस टुडे और इंडिया टुडे के वकील ने कोर्ट को बताया कि वह उस व्यक्ति को कथित सीडी वापस दे देंगे, जिसने उन्हें दी है। सिंघवी के वकील ने कोर्ट से कहा कि दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के मद्देनजर वह लाल के खिलाफ पुलिस के समक्ष दायर शिकायत को वापस लेंगे। अदालत ने लाल के जवाब को भी संज्ञान में लिया, जिसमें उन्होंने वकील को धमकी भरा एसएमएस भेजने के लिए माफी मांगी। यू ट्यूब पर सीडी जारी, फिर हटाई सिंघवी की कथित सीडी पर कोर्ट की रोक के बावजूद गुरूवार को यू ट्यूब और फेसबुक पर किसी ने उसे अपलोड कर दिया। हालांकि, कुछ देर बाद यू-ट्यूब ने इसे हटा दिया। यह वीडियो 19 अप्रैल को ही बनाए गए अकाउंट से डाला गया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सिंघवी की कथित अश्लील सीडी भले ही सार्वजनिक नहीं हो पाई है, लेकिन इसकी तपिश उनके पॉलिटिकल करियर पर पडती दिख रही है। पार्टी प्रवक्ता पद के बाद अब उनका कानून मंत्रालय की स्थायी समिति का अध्यक्ष पद भी खतरे में दिख रहा है। अभी उन्हें पार्टी ब्रीफिंग से रोक दिया गया है। कानून मामलों की स्थायी समिति ने लोकपाल बिल का अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया था। सीडी मामला सामने आने के बाद समिति की सोमवार से लेकर बुधवार तक लगातार तीन दिन बैठक हुईं, लेकिन सिंघवी ने केवल आधे दिन ही उसकी अध्यक्षता की। उनकी गैरहाजिरी में वरिष्ठ राज्यसभा सांसद एस लक्ष्मण नाइक ने यह जिम्मेदारी संभाली। अटकलें हैं कि उन्हें यह पद छोडना पड सकता है। पार्टी भी सिंघवी मसले पर कुछ भी कहने से बच रही है। चर्चा है कि इस मामले में पार्टी आलाकमान ने सभी को चुप रहने का निर्देश दिया है। उधर, सिंघवी भी मीडिया के सामने आने से बच रहे हैं।
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