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कड़वे, मीठे और ठंडी तासीर वाले जौ को क्यों कहा जाता है औषधीय गुणों से संपन्न आहार?

Why is barley, which has bitter, sweet and cold properties, called a food rich in medicinal properties? - Health Tips in Hindi

नई दिल्ली । जौ को प्राचीन काल से औषधीय गुणों से संपन्न आहार माना जाता है। यह आज भी हमारे दैनिक जीवन में उपयोगी है। यह गेंहू के समान एक पौष्टिक अनाज है, जिसका उपयोग न केवल आहार में, बल्कि घरेलू उपचारों में भी किया जाता है। प्राचीन आयुर्वेद और वैदिक शास्त्रों में जौ के कई लाभों के बारे में बताया गया है।


ऑक्सफोर्ड अकेडमिक की 20 फरवरी 2022 को प्रकाशित एक रिसर्च में बताया गया है कि जौ का स्वाद कड़वा, मीठा, तीखा और ठंडा होता है। यह शरीर के कफ और पित्त को कम करने में मदद करता है। जौ को बलवर्धक, लिबिडो बढ़ाने वाला, पाचन क्रिया सुधारने वाला और मूत्र संबंधी समस्याओं में राहत देने वाला माना जाता है। इसके अलावा, यह त्वचा, रक्तपित्त, श्वास, खांसी, और मधुमेह जैसी बीमारियों में भी कारगर है।

शोध के अनुसार, जौ एक पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर अनाज है, जो न केवल शरीर को शक्ति प्रदान करता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज भी करता है। इसके विभिन्न घरेलू उपचारों से आप शरीर की सेहत को सुधार सकते हैं और कई रोगों से बच सकते हैं। नियमित रूप से जौ का सेवन करने से आप स्वास्थ्य में सुधार महसूस कर सकते हैं।

जौ में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में होता है। कैलोरी कम होती है और फाइबर अधिक इसलिए वजन घटाने में और कोलेस्ट्रॉल स्तर को करने में मदद करता है। इसमें मौजूद बीटा-ग्लूकन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। तो वहीं एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करते हैं। इस औषधीय संपन्न आहार में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं जो हड्डियों के लिए फायदेमंद होते हैं।

जौ के उपयोग को लेकर एक्सपर्ट (ऑक्सफोर्ड अकेडमिक में छपी रिसर्च के अनुसार) की सलाह:

मधुमेह (डायबिटीज) - जौ के छिलके रहित बीजों को भूनकर पीस लें, फिर इसे शहद और पानी के साथ मिलाकर सत्तू बनाकर सेवन करें। कुछ दिनों तक इसका सेवन करने से मधुमेह में राहत मिल सकती है।

शरीर में जलन - गर्मी के कारण शरीर में जलन हो तो जौ के सत्तू का सेवन करें। यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है और गर्मी की समस्या को कम करता है।

पेशाब संबंधी शिकायत - जौ का दलिया दूध के साथ खाने से मूत्राशय से संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।

गले की सूजन - जौ के दानों को पीसकर पानी में भिगो दें और फिर गरम पानी से कुल्ला करें। इससे गले की सूजन और खांसी में आराम मिलेगा।

घाव - जौ के आटे में अंजीर का रस मिलाकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है।

दस्त - जौ और मूंग का सूप लेने से आंतों की गर्मी शांत होती है और दस्त की समस्या दूर हो जाती है।

पथरी - जौ के पानी का सेवन करने से पथरी की समस्या में राहत मिल सकती है।

गर्भपात रोकने के लिए - जौ के छने हुए आटे में तिल और चीनी मिलाकर सेवन करने से गर्भपात की समस्या में राहत मिलती है।

कान की सूजन - कान की सूजन या पित्त की समस्या में जौ के आटे में इसबगोल की भूसी और सिरका मिलाकर लेप करने से आराम मिलता है।

--आईएएनएस

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Tags: bitter, sweet
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