सहरसा। सहरसा जिले में प्रलयकारी बाढ़ के बाद नवहट्टा प्रखंड और महिषी प्रखंड के दर्जनों गांव प्रभावित हो गए हैं। बाढ़ के पानी ने लोगों के घरों में घुसकर तबाही मचाई है, और कई मकान बाढ़ में समा गए हैं। बाढ़ पीड़ित लोग परेशान और हलकान हैं, जबकि सैकड़ों परिवार कोशी तटबंध पर शरण लिए हुए हैं।
जिला प्रशासन ने इस स्थिति में मदद के लिए सामुदायिक किचन खोला है, जहां सभी बाढ़ पीड़ित खाना खा रहे हैं। यह किचन नवहट्टा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पुरुषोत्तमपुर में संचालित हो रहा है।
बाढ़ पीड़ित कुणाल कुमार ने बताया कि उनके घर में पानी घुस चुका है और मकान पूरी तरह से तहस-नहस हो गया है। उन्होंने कहा, "हम लोग बांध पर शरण लिए हुए हैं और सामुदायिक किचन में सुबह-शाम खाना खा रहे हैं। यहां भात, दाल और सब्जी दिया जाता है। लगभग 1,000 से 2,000 लोग यहां हर दिन दो बार खाना खाते हैं।"
सामुदायिक किचन की देखरेख कर रहे प्रखंड कल्याण पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि यहां सुबह से लेकर शाम तक लगभग 500-600 लोग खाना खा चुके हैं, और रात में लगभग 1,000 बाढ़ पीड़ित लोग खाना खाते हैं। उन्होंने बताया कि इस सेंटर पर 2,000 लोगों के लिए खाने की व्यवस्था है, और यहां से दो अन्य सेंटर पर भी खाना पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
इस संकट की घड़ी में सामुदायिक किचन द्वारा दी जा रही राहत बाढ़ पीड़ितों के लिए एक संजीवनी के रूप में साबित हो रही है।
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