1 of 1
उदयपुर अब वेटलैंड सिटी भी बना : दुनिया के 31 देशों में लेकसिटी का नाम, रामसर कन्वेंशन ने दी मान्यता
khaskhabar.com : शनिवार, 25 जनवरी 2025 3:53 PM
उदयपुर। जिस उदयपुर शहर को झीलों की नगरी के नाम से देश-दुनिया में जाना जाता है, अब वेटलैंड सिटी के रूप में भी एक नई पहचान हासिल कर चुका है। रामसर कन्वेंशन की स्थायी समिति की बैठक में भारत से दो शहरों, उदयपुर और इंदौर को वेटलैंड सिटी का मान्यता दी गई है। यह मान्यता शहरी आर्द्रभूमि की सुरक्षा के लिए उठाए गए अहम कदमों को सम्मानित करने के रूप में दी जाती है।
केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार रात यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह पहल उन शहरों को अंतरराष्ट्रीय पहचान और सकारात्मक ब्रांडिंग का अवसर प्रदान करती है, जो अपने वेटलैंड्स की महत्ता को समझते हैं और उनका संरक्षण करते हैं। अब भारत के 31 शहरों में से उदयपुर और इंदौर भी इस सूची में शामिल हैं।
रामसर कन्वेंशन की शुरुआत 2015 में हुई थी, और वेटलैंड सिटी मान्यता उन शहरों को दी जाती है, जो अपने वेटलैंड्स को संरक्षित करने के साथ-साथ शहरी विकास को सुनिश्चित करते हैं। बढ़ते शहरीकरण के साथ भूमि पर अतिक्रमण की प्रवृत्ति बढ़ने के बावजूद, वेटलैंड सिटी के मान्यता से इन शहरों को संरक्षण और विकास का आदर्श प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा।
उदयपुर का हर झील, जलाशय और आर्द्रभूमि पर्यावरणीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। पिछोला, फतहसागर, गोवर्धन सागर, रूपसागर और बड़ी जैसी प्रमुख झीलें उदयपुर को न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य देती हैं, बल्कि प्रवासी पक्षियों के लिए भी ठिकाना प्रदान करती हैं। इसके अलावा, मेनार को 'बर्ड विलेज' के रूप में जाना जाता है, जो हर साल हजारों पक्षियों को आकर्षित करता है।
उदयपुर की वेटलैंड सिटी के रूप में मान्यता से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई शुरुआत हो रही है। इस पहल से न केवल झीलों और जलाशयों का संरक्षण होगा, बल्कि अतिक्रमण पर नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाव के लिए भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही, स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, और शहर को अतिरिक्त फंड मिलेंगे, जिनसे जलाशयों और झीलों के संरक्षण के लिए कार्य किए जा सकेंगे।
उदयपुर की यह उपलब्धि अन्य शहरों के लिए एक प्रेरणा है कि वे भी अपने आर्द्रभूमि का संरक्षण करें और शहरी विकास को संतुलित बनाएं। यह वेटलैंड सिटी की मान्यता न केवल उदयपुर के लिए, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे