कानपुर। गंगा नदी ने चेतावनी बिंदु को पार कर लिया है, और इसका असर आस-पास के गांवों पर पड़ता नजर आ रहा है। गंगा के किनारे बसे सैकड़ों ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। जिला प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को अलर्ट किया है, लेकिन राहत की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है।
मीडिया कर्मियों ने जब बाढ़ग्रस्त गांवों का निरीक्षण किया, तो वहां के पीड़ित ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों का कहना है कि उनके घरों में पानी भर गया है, जिससे जानवरों और लोगों का जीवन कठिन हो गया है। कई परिवारों ने गंगा बैराज मार्ग पर झोपड़ियां बना ली हैं, जिससे उन्हें अनहोनी का डर सताता रहता है।
ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं, जिससे उनकी सुरक्षा और राहत सुनिश्चित की जा सके। ख्यौरा कटरी के प्रधान पति, दिनेश निषाद ने व्यवस्थाओं को लेकर असंतोष व्यक्त किया, और बताया कि क्षेत्र में कोई आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों के लिए जल्दी से प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि उनकी परेशानियों का समाधान हो सके और किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
यह स्थिति प्रशासन की असंवेदनशीलता को उजागर करती है और बाढ़ के हालात में राहत एवं बचाव कार्यों की आवश्यकता को दर्शाती है।
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