इस बकरी के मालिक के अनुसार इस बकरी की मां ने पहले दो स्वस्थ्य बच्चों को जन्म दिया था। वह कहते हैं इस बकरी ने आगे के दो पैरों पर ही खड़े होना और संतुलन बनाना अच्छे से सीख लिया है और ऐसा महसूस ही नहीं होता है कि इसे अन्य दो पैरों की कमी है।
असीरगढ़ में फिर निकले सोने के सिक्के, रात के अंधेरे में खुदाई जारी, प्रशासन बेखबर
हरदोई से हुई होली की शुरुआत, ककेड़ी गांव का पांच हजार साल पुराना मंदिर आज भी देता है गवाही
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